ख़बर गवाह
राजस्थान शिक्षक भर्ती पात्रता परीक्षा एक बार फिर विवादों में घिर गई है।
परीक्षा के दौरान युवतियों के कंगन और चूड़ी उतरवाना खूब चर्चा में रहे। अब रविवार
को आयोजित हुई रीट परीक्षा की चौथी
पारी का प्रश्नपत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। अब खास बात यह है कि इस बार
परीक्षार्थियों से प्रश्नपत्र वापस लिया गया था। इसके बावजूद प्रश्नपत्र वायरल
होने से परीक्षा की पारदर्शिता पर फिर से सवाल खड़े हो गए हैं।
सरकार ने रीट की पात्रता परीक्षा को पारदर्शी कराने के साथ ही सरकार के सामने
एक नई चुनौती सामने आ गई है। पेपर संपन्न कराने के बाद देर शाम ही चौथी पारी का
पेपर सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। जिसके बाद युवाओं में रीट परीक्षा को लेकर
अंसतोष की भावना देखने को मिली। हालांकि सोशल मीडिया पर वायरल हुए इस पेपर को पेपर
देने वाले किसी अभ्यर्थी की ही करतूत माना जा रहा है। पेपर देने वाले युवाओं ने इस
बात की पुष्टि की है कि यह पेपर चौथी पारी का है। मगर इसे पेपर देने के बाद कुछ
पेज फाडकर गलत नियति से वायरल किया गया।
अभ्यर्थियों ने जांच की मांग शुरू की
वहीं पेपर के वायरल होने पर अभ्यर्थियों ने जांच की मांग करते हुए विरोध शुरू
कर दिया है। अभ्यर्थियों का कहना है कि वायरल प्रश्न पत्र और चौथी पारी में आए
पेपर के प्रश्न हु-ब-हू हैं। गौरतलब है कि चौथी पारी का पेपर तीन बजे से शुरू हुआ
था। जो शाम 5:30 बजे समाप्त हुआ था। जिसके बाद इसके लिए दो बजे ही अभ्यर्थियों को
परीक्षा केंद्र केंद्रों पर प्रवेश दे दिया गया। वही मामले को लेकर अखिल भारतीय
विधार्थी परिषद की ओर से भी मामले में गडबडी की जांच की मांग की गई है।
सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने भी जांच की मांग की
रीट पात्रता परीक्षा का पेपर वायरल होने को लेकर राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल
मीणा ने भी ट्ववीट करके मामले की सत्यता की जांच की मांग की है। साथ ही
अभ्यर्थियों के मन में भी शंका गहरा रही है। वहीं मामले को लेकर शिक्षा मंत्री डॉ
बीडी कल्ला का कहना है कि कोई कुछ भी कहे रीट की पात्रता परीक्षा पूरे पारदर्शी
तरीके से हुई है। कल्ला का कहना है परीक्षा समपन्न होने के बाद पेपर वायरल हुआ है।
जिसकी जांच कर रहे है।
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