ख़बर गवाह
लोक अदालत में 12305 प्रकरणों का निस्तारण किया गया एवं राशि 240553916 रूपए के अवार्ड पारित किये गया
सीकर 13 अगस्त। राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, सीकर एवं अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण,सीकर डॉ राजेन्द्र सिह चौधरी के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, सीकर के तत्वावधान में शनिवार को ताल्लुका विधिक सेवा समितियों रींगस, नीमकाथाना, दांतारामगढ़, श्रीमाधोपुर, फतेहपुर, लक्ष्मणगढ़ तथा सीकर न्याय क्षेत्र के न्यायालयों में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया, जिसमें कुल 17 बैंचो का गठन कर सभी प्रकार के राजीनामा योग्य आपराधिक मामलें, सिविल प्रकृति के मामलें, पारिवारिक मामले, चैक अनादरण प्रकरण, बैकों के ऋण वसूली मामलें, राजस्व से सबंधित मामले, प्री-लिटिगेशन के मामलों की सुनवाई करते हुए कुल 12305 प्रकरणों का निस्तारण किया गया एवं राशि 240553916 रूपए के अवार्ड पारित किये गये।
कार्यक्रम का शुभारंभ जिला व सैशन न्यायाधीश व अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, सीकर डॉ राजेन्द्र चौधरी, पारिवारिक कोर्ट न्यायाधीश कैलाश चन्द्र अटवासिया एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रामचन्द्र मुण्ड एवं अध्यक्ष बार संघ राजेन्द्र शर्मा ने मां सरस्वती के सामने दीप प्रज्जवलित कर किया। अध्यक्ष जि.वि.से.प्रा. सीकर ने लोक अदालत का महत्व समझाते हुए राष्ट्रीय लोक अदालत में अधिकाधिक प्रकरण के निस्तारण से समय, धन की बचत होने व आपसी सौहाद्र बना रहने से निस्तारित करने की अपील की एवं अधिकाधिक मामले राजीनामे से निस्तारित करने की बात कही।
प्री-लिटिगेशन बैंच पर मुख्य रूप से अजमेर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड, भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब ने6ानल बैंक, बैंक ऑफ बडोदा, बीएसएनएल एवं अन्य बैंक व वितीय संस्थाओं के सैकडों प्रकरणों का निस्तारण किया गया। साथ ही जिला एवं सेशन न्यायालय सीकर में चल रहे किराया अपीलीय अधिकरण मामलो का निपटारा किया गया जो काफी लम्बे समय से लम्बित चल रहे थे।
पारिवारिक न्यायालय के 05 प्रकरण में से एक प्रकरण संख्या 220/2019 में दम्पती लगभग 15 साल से अलग रहे थे एवं आपसी झगडाें के चलते तलाक लेने का निर्णय कर चूके थे। इसी प्रकार अन्य 04 प्रकरणों में भी पारिवारिक मतभेद के कारण दम्पती बहुत लम्बे समय से अलग रह रही थी एवं दम्पती में मतभेद होने के कारण दम्पती के बच्चें पर इसका विपरित प्रभाव पड रहा था। परन्तु न्यायालय के प्रयासों एवं राष्ट्रीय लोक अदालत बैंच अध्यक्ष व सदस्यो की समझाइश द्वारा दम्पत्तियों में सुलह की गयी और जिला एवं सेशन न्यायाधीश, डॉ राजेन्द्र चौधरी बैंच अध्यक्ष, कैलाशचंद्र अठवासिया व सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, धर्मराज मीणा तथा बैंच सदस्याें के प्रयास से राजीनामा करवाया गया। दम्पती द्वारा एक दूसरे को माला पहनायी गई एवं बैंच सदस्यो द्वारा उनके उज्जवल भविष्य की कामना की गई, इसी के साथ मोटर दुर्घटना एवं दावा अधिकरण के कुल 114 प्रकरण निस्तारित किए गए एवं कुल राशि 08,50,91,635 रूपए के अवार्ड पारित किए गए।
रालसा के निर्देशानुसार लोक अदालत में 05 राजस्व बेंच का गठन किया गया। सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, सीकर धर्मराज मीणा ने बताया कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण का उद्देश्य पीड़ित व्यक्तियों तक न्याय पहुंचाना है। राष्ट्रीय लोक अदालत न्यायपालिका का पर्व है, राष्ट्रीय लोक अदालत में आने वाले पक्षकारों को संबंधित न्यायालय तक पहुंचने में सहायता करने के लिए हैल्पडेस्क की स्थापना भी की गई। लोक अदालत बैंच के अभूतपूर्व सहयोग से सीकर न्याय क्षेत्र के प्री लिटिगेशन एवं न्यायालयों में लम्बित हजारों प्रकरणों की सुनवाई की जाकर राजीनामें के माध्यम से प्रकरणों का निस्तारण किया गया।
लोक अदालत में प्रभात कुमार मिश्रा महाप्रबंधक भारतीय स्टेट बैंक, एवीवीएनएल विभाग से आर एस बुरडक एक्सईएन, एम के टीबडा एक्सईएन, रामसिंह जेएलओ, एन के शर्मा, वी के डाका, वीपी शर्मा, पीएम वर्मा, रविन्द्र सिंह एवं आर एस खर्रा एईन, अधिवक्तागण, बैंक प्रतिनिधी, लिटिगेंट एवं न्यायालय स्टाफ आदि उपस्थित रहें।
लोक अदालत के माध्यम से शीघ्र एवं सुलभ न्याय उपलब्ध करवाना ही जिला विधिक सेवा प्राधिकरण का ध्येय है।
कार्यक्रम का शुभारंभ जिला व सैशन न्यायाधीश व अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, सीकर डॉ राजेन्द्र चौधरी, पारिवारिक कोर्ट न्यायाधीश कैलाश चन्द्र अटवासिया एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रामचन्द्र मुण्ड एवं अध्यक्ष बार संघ राजेन्द्र शर्मा ने मां सरस्वती के सामने दीप प्रज्जवलित कर किया। अध्यक्ष जि.वि.से.प्रा. सीकर ने लोक अदालत का महत्व समझाते हुए राष्ट्रीय लोक अदालत में अधिकाधिक प्रकरण के निस्तारण से समय, धन की बचत होने व आपसी सौहाद्र बना रहने से निस्तारित करने की अपील की एवं अधिकाधिक मामले राजीनामे से निस्तारित करने की बात कही।
प्री-लिटिगेशन बैंच पर मुख्य रूप से अजमेर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड, भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब ने6ानल बैंक, बैंक ऑफ बडोदा, बीएसएनएल एवं अन्य बैंक व वितीय संस्थाओं के सैकडों प्रकरणों का निस्तारण किया गया। साथ ही जिला एवं सेशन न्यायालय सीकर में चल रहे किराया अपीलीय अधिकरण मामलो का निपटारा किया गया जो काफी लम्बे समय से लम्बित चल रहे थे।
पारिवारिक न्यायालय के 05 प्रकरण में से एक प्रकरण संख्या 220/2019 में दम्पती लगभग 15 साल से अलग रहे थे एवं आपसी झगडाें के चलते तलाक लेने का निर्णय कर चूके थे। इसी प्रकार अन्य 04 प्रकरणों में भी पारिवारिक मतभेद के कारण दम्पती बहुत लम्बे समय से अलग रह रही थी एवं दम्पती में मतभेद होने के कारण दम्पती के बच्चें पर इसका विपरित प्रभाव पड रहा था। परन्तु न्यायालय के प्रयासों एवं राष्ट्रीय लोक अदालत बैंच अध्यक्ष व सदस्यो की समझाइश द्वारा दम्पत्तियों में सुलह की गयी और जिला एवं सेशन न्यायाधीश, डॉ राजेन्द्र चौधरी बैंच अध्यक्ष, कैलाशचंद्र अठवासिया व सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, धर्मराज मीणा तथा बैंच सदस्याें के प्रयास से राजीनामा करवाया गया। दम्पती द्वारा एक दूसरे को माला पहनायी गई एवं बैंच सदस्यो द्वारा उनके उज्जवल भविष्य की कामना की गई, इसी के साथ मोटर दुर्घटना एवं दावा अधिकरण के कुल 114 प्रकरण निस्तारित किए गए एवं कुल राशि 08,50,91,635 रूपए के अवार्ड पारित किए गए।
रालसा के निर्देशानुसार लोक अदालत में 05 राजस्व बेंच का गठन किया गया। सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, सीकर धर्मराज मीणा ने बताया कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण का उद्देश्य पीड़ित व्यक्तियों तक न्याय पहुंचाना है। राष्ट्रीय लोक अदालत न्यायपालिका का पर्व है, राष्ट्रीय लोक अदालत में आने वाले पक्षकारों को संबंधित न्यायालय तक पहुंचने में सहायता करने के लिए हैल्पडेस्क की स्थापना भी की गई। लोक अदालत बैंच के अभूतपूर्व सहयोग से सीकर न्याय क्षेत्र के प्री लिटिगेशन एवं न्यायालयों में लम्बित हजारों प्रकरणों की सुनवाई की जाकर राजीनामें के माध्यम से प्रकरणों का निस्तारण किया गया।
लोक अदालत में प्रभात कुमार मिश्रा महाप्रबंधक भारतीय स्टेट बैंक, एवीवीएनएल विभाग से आर एस बुरडक एक्सईएन, एम के टीबडा एक्सईएन, रामसिंह जेएलओ, एन के शर्मा, वी के डाका, वीपी शर्मा, पीएम वर्मा, रविन्द्र सिंह एवं आर एस खर्रा एईन, अधिवक्तागण, बैंक प्रतिनिधी, लिटिगेंट एवं न्यायालय स्टाफ आदि उपस्थित रहें।
लोक अदालत के माध्यम से शीघ्र एवं सुलभ न्याय उपलब्ध करवाना ही जिला विधिक सेवा प्राधिकरण का ध्येय है।
Any Error? Report to Us
Contents May Subject to copyright
Disclaimer: We cannot guarantee the information is 100% accurate
0 Comments