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‘कोई भूखा ना सोए’ की संकल्पना को साकार कर रही इंदिरा रसोई: मुख्यमंत्री
गरीब व्यक्ति को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराना सरकार का ध्येय
जयपुर, 18 सितंबर। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने कहा कि ‘कोई भूखा ना सोए’ के संकल्प को साकार करने की दिशा में इंदिरा रसोई एक महत्वपूर्ण कदम है। राज्य सरकार की इस योजना के माध्यम से गरीब एवं जरूरतमंद लोगों को आरामदेह वातावरण में मात्र 8 रूपए में भरपेट भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस योजना का लाभ विद्यार्थियों एवं श्रमिकों सहित सभी वर्ग के लोगों को मिल रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में स्व. इंदिरा गांधी ने सबसे पहले गरीबों, पिछड़ों एवं वंचितों के कल्याण के लिए ‘गरीबी हटाओ’ का नारा दिया। इसी भाव के साथ आमजन को पूरे सम्मान एवं सेवा भाव के साथ पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार द्वारा इंदिरा रसोई योजना का संचालन किया जा रहा है।
श्री गहलोत रविवार को जोधपुर में 512 नई इंदिरा रसोइयों के शुभारंभ समारोह को संबोधित कर रहे थे। इन नवीन रसोईयों के संचालन के बाद प्रदेश में इंदिरा रसोइयों की संख्या बढ़कर 870 हो जाएगी। इस अवसर पर इंदिरा रसोई योजना पर लघु फिल्म का प्रदर्शन किया गया। उन्होंने उत्कृष्ट कार्य करने वाले प्रदेश के विभिन्न जिलों के इंदिरा रसोई संचालकों को सम्मानित भी किया। मुख्यमंत्री ने इंदिरा रसोई संचालकों से कहा कि वे इंदिरा रसोई में भोजन ग्रहण करने वाले लाभार्थियों के प्रति अच्छा व्यवहार करें एवं उन्हें पूरे सम्मान के साथ भोजन परोसें। श्री गहलोत ने उत्कृष्ट कार्य कर रहीं सहयोगी संस्थाओं, पैंथर एजुकेशन सोसायटी जोधपुर, विद्या जन जागरण संस्थान धौलपुर, श्रीनाथ शिक्षण प्रशिक्षण व स्वास्थ्य एवं सोशल वेलफेयर सोसायटी रावतसर के प्रतिनिधियों को प्रोत्साहन राशि, मोमेन्टो तथा साफा पहनाकर सम्मानित किया। उन्होंने श्री मानव सेवा समिति भीलवाड़ा, टच स्टोन फाउण्डेशन जयपुर तथा मेवाड़ विकलांग सेवा संस्थान चित्तौड़गढ़ के प्रतिनिधियों को प्रशस्ति पत्र एवं मोमेन्टो देकर सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इंदिरा रसोई योजना राज्य सरकार की संवेदनशील सोच का द्योतक है। उन्होंने कहा कि ‘कोई भूखा ना सोए’ के संकल्प के साथ शुरू की गई इस योजना के माध्यम से कोरोना काल में 72 लाख लोगों को सरकार द्वारा पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराया गया। कोरोना काल में आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए निःशुल्क भोजन की भी व्यवस्था की गई। कोरोना के दौर में राज्य सरकार के प्रयासों के साथ-साथ स्वयंसेवी संस्थाओं ने सेवा की भावना के साथ जरूरतमंद लोगों को भोजन उपलब्ध करवाने में आगे बढ़कर सहयोग किया, वह सराहनीय है। प्रदेश में वंचित तबके के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से संचालित की जा रही इस योजना के लिए आर्थिक रूप से किसी भी तरह की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी।
इंदिरा रसोई में 8 रूपए में पौष्टिक एवं भरपेट भोजन
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर सभी जिलों में प्रारम्भ हुई नई इंदिरा रसोइयों के संचालकों, सहयोगी संस्थाओं के प्रतिनिधियों एवं लाभार्थियों से बात की तथा आमजन के साथ नवीन इंदिरा रसोई में भोजन भी ग्रहण किया। लाभार्थियांे ने खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि इस योजना के माध्यम से आमजन को मात्र 8 रूपए में पौष्टिक एवं भरपेट भोजन उपलब्ध हो रहा है। राज्य सरकार की इस संवेदनशील योजना से आमजन को बड़ी राहत मिली है। श्री गहलोत ने कहा कि महंगाई के इस दौर में न्यूनतम दर पर अच्छा भोजन उपलब्ध होने से आमजन की जेब पर भार कम हुआ है। सरकार इस योजना में 17 रूपए प्रति थाली अनुदान दे रही है। उन्होंने कहा कि अब तक 358 इंदिरा रसोइयों से 7 करोड़ से ज्यादा पौष्टिक एवं स्वादिष्ट भोजन की थालियां आमजन को परोसी जा चुकी हैं। 512 नई रसोइयों की स्थापना से इस संख्या को लगभग 14 करोड़ तक पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जल्द ही और रसोइयां शुरू कर बजट घोषणा के अनुसार इंदिरा रसोइयों की संख्या 1000 की जाएगी।
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