जिला स्तरीय कृषि समिति की बैठक आयोजित

ख़बर गवाह 

कृषि विकास के कार्यक्रमों के प्रभावी,  गुणवत्तापूर्वक एवं समयबद्ध  क्रियान्वयन के संबंध में जिला कलेक्टर ने दिये निर्देश

सीकर 31 अक्टूबर।  जिला कलेक्टर डॉ. अमित यादव ने कृषि विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए है कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के सफल क्रियान्वयन, फसल बीमा क्लेम का निस्तारण तथा बीमा क्लेम से संबंधित शिकायतों का त्वरित निस्तारण करते हुए सभी बीमा किसानों की बीमा पॉलिसी नंबर ऑनलाईन दिखना चाहिए जिसमें पूरे ग्राम की सूचना शामिल हो। उन्होंने कहा कि बैंको की एलसीडी मोड डालकर पूरा डाटा संकलित किया जाए कि किस किसान का बीमा हुआ है और उसका कितना प्रिमियम कट रहा है उसकी सूचना पोर्टल अपलोड करवाई जाए।


        जिला कलेक्टर डॉ. यादव सोमवार को कलेक्ट्रेट सभागार में जिला स्तरीय कृषि समिति की समीक्षा बैठक  में बोल रहे थे। बैठक में कृषि विभाग से संबंधित समस्त योजनाओं जैसे खरीफ की बुवाई, सोशल हैल्थ कार्ड, कृषि आदान व्यवस्था, फसल बीमा और खाद, बीज की उपलब्धता रखने सहित अन्य योजनाओं के बारे में चर्चा की गई।

        जिला कलेक्टर डॉ. यादव ने फसल बीमा योजना पर विशेष जोर देते हुए योजना में फसली ऋण लेने वाले कृषक, गैर-ऋणी कृषकों एवं बटाईदार द्वारा स्वेच्छिक आधार पर फसलों का बीमा करवाया जा सकता है। उन्होंने निर्देश दिए कि बीमा के लिए प्रस्तावित क्षेत्रफल में बोई गई, बोई जाने वाली फसल के खसरा नंबरों की नवीनतम जमाबंदी की नकल स्वयं प्रमाणित कर दिए जाने के बाद ही बीमा किया जा सकेगा। बीमा प्रस्ताव में गैर-ऋणी कृषक का आधार, भामाशाह, बैंक खाता संख्या, बैंक शाखा का नाम, आईएफएससी कोड एवं कृषक के स्वयं के बैंक खाते के पासबुक की प्रति उपलब्ध करवाना आवश्यक होगा। उन्होंने एचडीएफसी एग्रों कम्पनी के प्रतिनिधियों से कहा कि वे किसानों की ओलावृष्टि में हुई फसल बीमा के लिए प्रीमियम जमा करवाने के लिए जानकारी देना सुनिश्चित करें ताकि फसल खराबा के समय बीमा क्लेम भुगतान में किसान को किसी प्रकार की असुविधा नहीं हों। उन्होंने कहा कि कृषि विभाग खरीफ की  फसल की बुवाई के लिए किसानों को खाद, बीज की जिले के सभी क्रय-विक्रय सहकारी समितियों में पर्याप्त स्टॉक रखना सुनिश्चित करें जिससे किसानों को खाद, बीज वितरण की उपलब्धता हो।

    जिला कलेक्टर ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के कृषकों में प्रचार-प्रसार के लिए कृषक मेंलें, प्रदर्शनी, नुक्कड़-नाटक, एसएमएस, लघु फिल्म, मोबाईल वेन केंपेन, पोस्टर, पंपलेट के माध्यम से प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिये।

जिला कलेक्टर डॉ. यादव ने जिला उद्यानिकी विकास समिति की समीक्षा करते हुए  बताया कि जिले में उद्यानिकी विकास की विपुल संभावनाएं है, जिसमें विभाग द्वारा फल, सब्जी, मसाला, औषधीय व फूलों की खेती को बढ़ावा देने, फसल क्षेत्र उत्पादन बढ़ाने एवं गुणवत्ता सुधार के लिए भारत सरकार व राज्य सरकार द्वारा विभिन्न अनुदानित योजनाएं संचालित है जिसके संबंध में किसानों को अधिकाधिक जानकारी देकर लाभान्वित किया जाए। 

    बैठक में  जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुरेश कुमार, कृषि उपनिदेशक हरदेवसिंह बाजिया, अधीक्षण अभियंता जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग चुन्नीलाल भास्कर, सहायक निदेशक उद्यान मोहनसिंह बिजारणीयां सहित बैंकर्स अधिकारी उपस्थित रहें।


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