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समाज में शांति के लिए गांधी के विचारों का अनुसरण करना जरूरीः मनीष शर्मा
सीकर, 17 अक्टूबर। राज्य सरकार द्वारा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के विचारों और दर्शन को आमजन तक पहुंचाने के लिए गठित शांति एवं अहिंसा निदेशालय के निदेशक मनीष शर्मा ने कहा कि गांधी दर्शन और महापुरुषों के विचारों से युवा पीढ़ी को रुबरु करवाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि इस निदेशालय के दो ही उद्देश्य हैं। एक तो गांधी दर्शन को नीचे तक पहुंचाना है और गांधी के विचारों से प्रेरित होकर संचालित की जा रही राज्य सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार करना है।
निदेशक शर्मा सोमवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित शांति एवं अहिंसा प्रकोष्ठ की समीक्षा बैठक में बोल रहे थे। उन्होंने संभाग स्तर पर आयोजित होने वाले गांधी दर्शन प्रशिक्षण शिविर के लिए चयनित प्रशिक्षाणर्थियों से भी संवाद किया। इसके साथ ही उन्होंने जिले में विश्व अहिंसा दिवस के अवसर पर गांधी सप्ताह के तहत हुए साप्ताहिक कार्यक्रमों के बारे में भी जानकारी ली।
शांति एवं अहिंसा निदेशालय के निदेशक शर्मा ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मंशा है कि समाज में जो हिंसा का वातावरण बन रहा है, उसको खत्म करने के लिए गांधी के सत्य और अहिंसा के विचारों को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाया जाए।
उन्होंने कहा कि हम सभी को पुरानी पीढ़ी के संस्कारों को नई पीढ़ी को सौंपने पर काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज पहली चुनौती है कि प्रदेश में कानून व्यवस्था माकूल बनी रहे और समाज में शांति का माहौल बना रहे। इस पर काम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हमें युवा पीढ़ी को इतिहास की तथ्यात्मक जानकारी दी जानी चाहिए। इसके साथ ही स्वतंत्रता संग्राम की कहानियों से भी नई पीढ़ी को अवगत करवाया जाए। शर्मा ने जिले में विश्व अहिंसा दिवस पर संचालित किए गए कार्यक्रमों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि गांधी के विचारों को जन-जन तक पहुंचाने में हमेशा सीकर जिला अग्रणी रहा है। उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देशित किया कि जिला स्तरीय प्रशिक्षण में गांधी दर्शन के बारे में व्यापक जानकारी देने के लिए कॉलेज एवं स्कूल व्याख्याताओं का उद्बोधन करवाया जाए ताकि संभागी उनके जीवन दर्शन के बारे में भली-भांति जान सके। उन्होंने कहा कि जिले में गांधी दर्शन की जानकारी के लिए ऎसे नवाचार किये जाए जिससे दूसरे जिले भी इससे प्रेरणा लेवें। उन्होंने कहा कि गांधीजी जनसेवा के प्रति वफादार थे और उनका पूरा जीवन पीड़ित मानवता के लिए समर्पित था। बैठक के बाद उन्होंने कलेक्ट्रेट में महात्मा गांधीजी की मूर्ति पर माल्यार्पण भी किया।
राजस्थान राज्य बाल संरक्षण आयोग के सदस्य एवं महात्मा गांधी जीवन दर्शन समिति के जिला सहसंयोजक शिवभगवान नागा ने कहा कि महात्मा गांधीजी के जीवन दर्शन को जानने के लिए उनकी लिखित पुस्तक सत्य का प्रयोग का हम सभी को अध्ययन मनन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि गांधी अतीत ही नही भविष्य भी है। हमें सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलना चाहिए, यही गांधी दर्शन की मूल भावना है।
जिला कलेक्टर डॉ. अमित यादव ने बैठक मे कहा कि गांधीजी के जीवन मूल्यों की आज भी प्रासंगिकता है, उन्होंने सत्य, सहिष्णुता, सादगीपूर्ण जीवन व अहिंसा के मार्ग पर चलने का जीवन दर्शन बताया। उन्होंने बताया कि गांधी सप्ताह के दौरान जिले में जिला, ब्लॉक एवं ग्राम स्तर तक प्रश्नोत्तरी, संगोष्ठी, वाद-विवाद सहित विभिन्न कार्यक्रमों का सफल आयोजन किया गया। उन्होंने कहा कि आगे भी सभी विभागों से समन्वय स्थापित करते हुए गांधी दर्शन का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाएगा।
सहायक निदेशक प्रशासनिक सुधार विभाग एवं जिला अहिंसा प्रकोष्ठ के सदस्य सचिव राकेश लाटा ने जिले में आयोजित हुए कार्यक्रमों के बारे में अपना प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि गांधी के विचारों की प्रासंगिकता हमेशा बनी रहेगी। बैठक में महात्मा गांधी जीवन दर्शन समिति के जिला संयोजक प्रेम सैनी, अतिरिक्त जिला कलेक्टर रतन कुमार, सहायक निदेशक सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता औमप्रकाश राहड़, सहायक निदेशक जनसंपर्क पूरण मल, जिला शिक्षा अधिकारी रामचन्द्र पिलानियां, ब्लॉक संयोजक दांतारामगढ़ मदनलाल बिजारणीयां, खण्डेला सुरेश मील, सीकर राजेन्द्र प्रसाद सैनी, हैदरअली पायलट, शजाउद्दीन तंवर, अंकित खेतान, नीमकाथाना झाबरसिंह घोसल्या, महेन्द्र शर्मा सचिव परमार्थ सेवा संस्थान, सदस्य हेमलता, प्रियंका सैन, रोशन यादव, अशोका कुमावत, गायत्री जांगीड़, सुगना भादू, आरती कुमावत, मंजू कुमावत, प्रियंका, गायत्री सैन, मुकेश सेवदा, राजेन्द्रसिंह गढ़वाल उपस्थित रहे।
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