व्यापार संघ संघर्ष समिति ने की विज्ञापन-शुल्क के नोटिसों और वसूली को निरस्त करने की मांग

 ख़बर गवाह 

दुकान व शो रूम पर लगाए जाने वाले बोर्ड किसी भी स्थिति में विज्ञापन की श्रेणी में नहीं माने जायें 

 बोर्ड लगाने का मकसद उपभोक्ताओं को मात्र सूचना (इन्फॉर्मेशन) देना है, ना कि विज्ञापन (एडवर्टाइजमेंट) करना 

 विज्ञापन शुल्क के नाम पर इस शोषण और अपमान को सीकर का व्यापारी कतई बर्दाश्त नहीं करेगा।


सीकर, 22 दिसम्बर' 2022   

 

व्यापार संघ संघर्ष समिति,सीकर ने नगर परिषद आयुक्त को कल्याण भवन स्थित उनके कार्यालय में ज्ञापन देकर विज्ञापन-शुल्क के नाम पर नगर परिषद ठेकेदार द्वारा व्यापारियों को दिए जा रहे नोटिसों और वसूली को निरस्त करने की मांग की है। 

बुधवार को सायंकाल दिए गए ज्ञापन में मांग की गई है कि किसी भी दुकान व शोरूम पर प्रतिष्ठान के नाम, स्थान व पते, विक्रय किए जाने वाले प्रोडक्ट व प्रदान की जाने वाली सेवाओं से सम्बन्धित कंपनियों की डीलरशिप आदि को दर्शाने वाले किसी भी आकार व प्रकार के होर्डिंग्स और ग्लो-शाइन बोर्ड्स को किसी भी स्थिति में विज्ञापन बोर्ड की श्रेणी में नहीं माना जाना चाहिए।  

प्रतिनिधि मण्डल ने आयुक्त को अवगत कराया कि ये बोर्ड विज्ञापन (एडवर्टाइजमेंट) के मकसद से नहीं बल्कि उस व्यापारी की थोक-खुदरा डीलरशिप, डिस्ट्रीब्यूटरशिप, स्टॉकिस्ट, फ्रेंचाइजी, सी एण्ड एफ, वैधानिक लाइसेंस प्राप्त होने और स्टॉक व विक्रय की जाने वाली वस्तुओं (प्रोडक्ट ) व सेवाओं की आम उपभोक्ताओं को मात्र सूचना (इन्फॉर्मेशन) देने के उद्देश्य से लगाए जाते हैं। प्रतिनिधि मण्डल ने कहा कि ऐसे सभी बोर्ड आम उपभोक्ताओं के अधिकारों एवं व्यापारियों के स्वयं के दायित्व के निर्वहन के तहत लगाये जाते हैं। 

नगर परिषद ठेकेदार पर लगाया धमकियां देने का आरोप

आयुक्त से वार्तालाप के दौरान प्रतिनिधिमंडल ने सम्बन्धित ठेकेदार पर आरोप लगाते हुए कहा कि विज्ञापन-शुल्क के नाम पर नगर परिषद ठेकेदार द्वारा व्यापारियों को लगातार नोटिस दिये जा रहे हैं और उनकी वसूली के लिए ठेकेदार व उसके कारिंदों (कर्मचारियों) द्वारा व्यापारियों को धमकाया भी जा रहा है। इस कारण सीकर शहर के व्यापारियों में विज्ञापन शुल्क के नोटिसों और वसूली के खिलाफ आक्रोश बढ़ता जा रहा है। 

गत वर्ष से चला आ रहा है यह मामला

व्यापार संघ संघर्ष समिति के अनुसार यह मामला एक वर्ष से अधिक समय से चला आ रहा है। इस संबंध में स्थानीय विधायक और पूर्व कैबिनेट मंत्री राजेंद्र पारीक, नगर परिषद सभापति जीवण खां और पूर्व आयुक्त श्रवण कुमार विश्नोई को व्यापार संघ संघर्ष समिति के प्रतिनिधि मंडल द्वारा पूर्व में अवगत कराया जा चुका है।

इन सभी के द्वारा दिए गए आश्वासन व निर्देश पर कुछ समय के लिए इस प्रकार की कार्यवाहियां बंद हो गई थीं। लेकिन अब वापस से ठेकेदार व उसके कर्मचारी विज्ञापन शुल्क के नोटिस व उनकी राशि वसूली के लिए व्यापारियों पर अनेक प्रकार से दबाव बना रहे हैं। कई व्यापारियों को तो ठेकेदार व उसके कर्मचारी प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से एफ.आई. आर. दर्ज करवा कर तथा कुर्की आदि की कार्यवाही द्वारा वसूली के लिए धमकियां दे रहे हैं।

मांग पूरी नहीं हुई तो व्यापारी करेंगे विभिन्न स्तरों पर आंदोलन  

विज्ञापन शुल्क के नोटिसों और जबरन वसूली को व्यापारियों व उपभोक्ताओं के अधिकारों और स्वाभिमान के सरासर खिलाफ बताते हुए व्यापार संघ संघर्ष समिति ने कहा है कि विज्ञापन शुल्क के नाम पर इस शोषण और अपमान को सीकर का व्यापारी कतई बर्दाश्त नहीं करेगा। समिति ने यह चेतावनी भी दी है कि यदि विज्ञापन शुल्क के नाम पर व्यापारियों को दिए जा रहे ये नोटिस और वसूली बन्द नहीं हुई तो व्यापारियों द्वारा विभिन्न स्तरों पर विरोध करते हुए आंदोलन किया जाएगा। 

आयुक्त ने प्रतिनिधि मण्डल को दिया समाधान का आश्वासन

परिषद आयुक्त ने जल्द ही सभापति और अधिकारियों के साथ चर्चा कर इस मामले के प्राथमिकता से समाधान के लिए संघर्ष समिति को आमंत्रित करने का आश्वासन दिया।

प्रतिनिधि मण्डल में पेट्रोल पम्प एसोसियेशन के जिला सचिव अरुण  फागलवा , कैमिस्ट एसोसियेशन एवं सीकर व्यापार महासंघ के जिला अध्यक्ष संजीव नेहरा, महासचिव देवकी नन्दन पारीक, फोर-व्हीलर एसोसियेशन के सदस्य प्रदीप अग्रवाल जामू, टू-व्हीलर एसोसियेशन के सदस्य राजकुमार धूत, सीकर व्यापार महासंघ के उपाध्यक्ष अभिषेक मोर, स्टेशन रोड़ व्यापार संघ के अध्यक्ष जसबीर सिंह चौधरी, प्रेम कुमावत, जिला कृषि आदान विक्रेता संघ के महासचिव दिनेश सिंह जाखड़, सुनील कुल्हरि, मनीष बियाणी, राजेश, दीपक बियाणी और मोहित बेरीवाला उपस्थित थे।  

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