छोटी लड़कियों के साथ-साथ लड़कों को भी गुड-टच और बैड-टच के बारे में प्रमुखता से जागरूक करें: जिला कलेक्टर डॉ अमित यादव

ख़बर गवाह 

स्कूल प्रिंसिपल की जिमेदारी की सरकारी स्कूलों के 100 मीटर के दायरे में कोई भी तंबाकू-गुटका बेचता हुआ नहीं पाया जाए
 
सीकर, 30 नवंबर।  जिला कलेक्टर डॉ अमित यादव की अध्यक्षता में बुधवार को कलेक्ट्रेट सभागार में  जिला बाल संरक्षण इकाई की त्रैमासिक बैठक आयोजित की गई, जिसमें संबंधित विभागों की  योजनाओं और हो रहे कार्यों की समीक्षा की गई  तथा आवश्यक दिशा—निर्देश दिए गए।
 जिला कलेक्टर डॉ अमित यादव ने बैठक में  ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों और शिक्षा विभाग से जुड़े अधिकारियों को निर्देशित किया कि  चाइल्ड लेबर,चाइल्ड मैरिज जैसे  गंभीर मुद्दों के बारे में महीने में एक बार गांव  के आम लोगों और जनप्रतिनिधियों को इसके बारे में जागरूक करें  तथा स्कूलों में   छोटी लड़कियों के साथ-साथ लड़कों को भी गुड—टच और बैड —टच के बारे में  प्रमुखता से  जागरूक करें ताकि किसी भी तरीके से उनका शारीरिक शोषण नहीं हो ।
 बैठक में जिला कलेक्टर डॉ अमित यादव ने निर्देशित किया कि पालनहार योजना से जुड़े सर्टिफिकेट का अगले 15 दिन में निष्पादन करें तथा डिसएबल माता-पिता के बच्चों तथा आजीवन कारावास की सजा पा चुके पेरेंट्स के बच्चों  का सर्वे करवाकर उनकी लिस्ट बनाई जाए तथा उन सभी को पालनहार योजना का लाभ दिलाया जाए तथा शिक्षा विभाग से जुड़े अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि किसी भी सरकारी स्कूल के 100 मीटर के दायरे में कोई भी तंबाकू गुटका बेचता हुआ नहीं पाया जाए, अगर पाया जाए तो यह प्रिंसिपल की जिम्मेदारी होगी, इसके अलावा सरस पार्लर पर भी तंबाकू जैसे मादक पदार्थों की उपलब्धता नहीं होनी चाहिए। उन्होंने निर्देश दिये कि तंबाकू उत्पाद बेचने वाली दुकानों का रजिस्ट्रेशन सुनिश्चित करें ताकि प्रशासन के पास इस संबंध में पूर्ण जानकारी हो ।
 जिला कलेक्टर डॉ अमित यादव ने निर्देशित किया कि भिक्षावृत्ति में लिफ्त  लोगों के पुनर्वास के लिए रेन बसेरा तथा रोजगार दिलाने के लिए इंदिरा गांधी शहरी  रोजगार गारंटी योजना से जोड़ें तथा खाने की उपलब्धता के लिए इंदिरा रसोई योजना से जोड़कर उनका पुर्नस्थापन करें  तथा धार्मिक स्थलों के आसपास भिक्षावृत्ति कर रहे बच्चों के माता-पिता की जिम्मेदारी सुनिश्चित की जाए कि उनके बच्चे भिक्षावृत्ति में लिफ्त ना हो  ।
 जिला कलेक्टर डॉ यादव ने निर्देशित किया कि ब्लॉक स्तर और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर क्रैडल पॉइंट (पालना गृह) की व्यवस्था की जाए ताकि छोड़ जाने वाले नवजात शिशु को किसी तरह की हानि  ना पहुंचे तथा जिला कलेक्ट्रेट, जिला अस्पताल,  नीमकाथाना, और पुलिस लाइन   में क्रेच  फैसिलिटी  की व्यवस्था की जाए ताकि कामकाजी महिलाओं और उनके बच्चों को किसी तरह की समस्या का सामना नहीं करना पड़े ।
बैठक में सहायक निदेशक जिला बाल सरक्षण इकाई एवं बाल अधिकारिता विभाग डॉक्टर गार्गी शर्मा तथा  स्वास्थ्य विभाग, पुलिस, परिवहन विभाग, जिले के ब्लॉक विकास अधिकारी तथा संबंधित विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे।



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