गर्मी में जल को अमृत के समान माना जाता है. मनुष्य को प्यास लगती है, तो वो कहीं भी अपनी प्यास बुझा लेता है लेकिन, बेजुबान परिंदो के लिए गर्मी से निजात पाना काफी मुश्किल होता है. इसको देखते हुए आज जिला काराग्रह में महावीर प्रसाद संतोष देवी ठोलिया ने अपनी 55 वी वैवाहिक वर्षगांठ और पुत्री कीर्ति जैन के जन्म दिवस पर सराहनीय कदम उठाया जेल परिसर में पेड़ों पर मिट्टी के बर्तन में परिंदों के लिए दाना-पानी की व्यवस्थता की। गर्मी की वजह से किसी भी पक्षी की भूख-प्यास से मौत नहीं हो इससे गर्मियों में पानी के लिए भटकने वाले पक्षियों की प्यास बुझाकर कुछ राहत पहुंचाई जा सकेगी और साथ ही जेल के बंदियों के लिए मटके लगाएं लु के प्रभाव को देखते हुए बंदियों के लिए मटके लगाए। समय समय पर पक्षियों के लिए दाना पानी की व्यवस्था करने का संकल्प जेल प्रशासन द्वारा लिया गया जेल के अन्य स्थानों पर परिंडे लगाने का संकल्प भी लिया। इस दौरान उपाधीक्षक रामकिशन मीणा,डॉ विकास बाजिया,जेलर कुलदीप,डिप्टी जेलर निसार,हेड कांस्टेबल मणीराम,आर ए एसी हेड कांस्टेबल महेश आदि जेल स्टाफ और महावीर प्रसाद ठोलिया,राजकुमार पिराका,आलोक काला,जयकुमार छाबड़ा,प्रियंक जैन मौजूद थे।उपाधीक्षक रामकिशन मीणा डॉ. विकास बाजिया ने बताया कि गर्मियों में परिंदों का अस्तिव खतरे में पड़ जाता है. क्योंकि तेज धूप के कारण कई पक्षियों की पानी की कमी के कारण मौत हो जाती है. हम अपने थोड़े से प्रयास से घरों के आस-पास उड़ने वाले चिड़ियों की प्यास बुझाकर उनकी जिंदगी को बचा सकते हैं. संस्था की इस मुहिम की लोग खूब तारीफ कर रहे हैं. उनका कहना है कि अगर इस तरह की सोच सभी की हो जाए, तो परिंदों के अस्तित्व का बचाया जा सकता है.प्रियंक जैन ने कहा कि पक्षियों के लिए बंदियों के लिए पानी की व्यवस्था करना पुनीत कार्य हैं महावीर प्रसाद संतोष देवी ठोलिया ने अपनी 55 वी वैवाहिक वर्षगांठ पर पक्षियों के लिए जो व्यवस्था करी है वह सहरानीय है हर नागरिक से अपील है कि वो अपने घरों में परिंदों के लिए दाना-पानी अवश्य रखें. साथ ही, अन्य लोगों को भी इस कार्य में शामिल होने के लिए प्रेरित करें।
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