सीकर 7 अप्रेल जिला कलेक्टर मुकुल शर्मा की अध्यक्षता में सोमवार को जिला कलेक्ट्रेट सभागार में जिला स्तरीय कोचिंग संस्थान निगरानी समिति की बैठक आयोजित हुई। जिला कलेक्टर मुकुल शर्मा ने बैठक में कोचिंग संस्थानों के प्रतिनिधियों से कहा कि बच्चों से मां—बाप की काफी अपेक्षाएं रहती हैं। होनहार बच्चों के साथ ही पढ़ाई में कमजोर विद्यार्थियों के मनोविज्ञान को समझकर कोचिंग संचालक उनके साथ पारिवारिक सदस्य के रूप में सद्धव्यवहार कर उन्हें अध्ययन के प्रति प्रेरित करेंगे तो वे भी पढ़ाई में अव्वल होने का प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि कोचिंग संस्थानों के बच्चों के साथ—साथ उनके मां—बाप की काउंसलिंग होना आवश्यक है। जिला कलेक्टर ने जिले में संचालित कोचिंग संस्थानों पर प्रभावी नियंत्रण तथा इसमें अध्यनरत विद्यार्थियों को मानसिक संबल एवं सुरक्षा प्रदान करने के लिए कोचिंग संस्थानों के लिए विस्तृत दिशा–निर्देश दिए। उन्होंने निर्देश दिये कि शहर में कोचिंग विद्यार्थियों से संबंधित सभी हॉस्टल्स का सर्वे कर पूरा बायोडाटा तैयार कर जिला प्रशासन को अवगत करावें, साथ ही इन सभी हॉस्टल्स के मालिकों एवं वार्डन की गेटकीपर ट्रेनिंग सुनिश्चित कर विद्यार्थियों को आ रही समस्याओं का समाधान करें।
अतिरिक्त जिला कलेक्टर रतन कुमार ने निर्देश दिये कि समस्त कोचिंग संस्थान सर्वोच्च न्यायालय, उच्च न्यायालय द्वारा समय—समय पर कोचिंग संस्थानों के संबंध में जारी किये गये आदेशों—निर्देशों की पालना करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि समस्त कोचिंग संस्थान अपने संस्थानों में विद्यार्थियों के लिए प्राथमिक उपचार के लिए मेडिकल क्लिनिक की सुविधा रखने के साथ ही सुझाव पेटिका स्थापित करेंं। उन्होंने कहा कि कोचिंग संस्थान विद्यार्थियों के असेसमेंट टेस्ट का परिणाम सार्वजनिक रूप से नोटिस बोर्ड पर चस्पा करें।
अतिरिक्त जिला कलेक्टर कुमार ने कोचिंग संस्थानों को उनके यहां कार्यरत मनोवैज्ञानिक काउंसलर्स की संख्या और उनके द्वारा की गई काउंसलिंग का रिकॉर्ड साझा करने तथा जिन संस्थानों में काउंसलर नियुक्त नहीं है वहां पर नियुक्त करने के निर्देश दिए। उन्होंने संस्थानों के हॉस्टल वार्डन, चपरासी,स्टाफ की भी ट्रेनिंग करवाने के साथ ही साप्ताहिक अवकाश रखे जाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि सभी कोचिंग संस्थान हैल्प लाईन नम्बर जारी कर जिला स्तरीय कंट्रोल रूम 01572—251008 का विभिन्न स्थानों पर चस्पा करें ताकि कोचिंग विद्यार्थी अपनी समस्याओं से जिला प्रशासन को अवगत करवा सके।
उन्होंने कोचिंग संस्थानों के प्रतिनिधियों से कहा कि कोचिंग के छात्रों की छुट्टी के समय पुलिस मित्र के साथ—साथ निजी कार्मिक, होमगार्डस की नियुक्ति भी करवायें ताकि यातायात बाधित नहीं हो। उन्होंने कोचिंग संस्थानों के हॉस्टल संचालकों की माह में एक बार बैठक आयोजित करने, मोटिवेशनल व्याख्यान, केरियर काउंसलिंग आयोजित करने के निर्देश दिये।
बैठक में श्री कल्याण अस्पताल के मनोचिकित्सक डॉ. महेश ने कोचिंग संस्थानों में विद्यार्थियों को साईट्रिक से प्रशिक्षण दिलवाने,उद्योग नगर थानाप्रभारी मनोज भाटीवाड ने कोचिंग संस्थानों में बच्चों की टेलीमाईडेशन की व्यवस्था करवाने,राजस्व अपीलीय अधिकारी अनिल महला ने कोचिंग में बच्चों के क्लास रूम में सिटिंग व्यवस्था में परिवर्तन करने, पुलिस उपाधीक्षक शहर प्रशांत किरण ने कोचिंग संस्थानों के छात्रों को पॉक्सो एक्ट के बारें में अवैयरनेस करने, सीएलसी व एलएन कोचिंग के प्रतिनिधि ने नवलगढ़ रोड़, पिपराली रोड़ पर बने फुटपाथ पर रैलिंग बनवाने के सुझाव दिये।
बैठक में अतिरिक्त जिला कलेक्टर शहर भावना शर्मा, आवप्ति अधिकारी अनिता धतरवाल, एसीएम कल्पना, शहर कोतवाल सुनिल जांगिड़, सदरथानाधिकारी इंद्रराज मरोडिया, उप मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ हर्षल चौधरी, एडीपीसी राकेश लाटा, जिला साक्षरता अधिकारी चन्द्रप्रकाश महर्षि, विभागाध्यक्ष मनोचिकित्सा रामचन्द्र लाम्बा, संयुक्त निदेशक डीओआईटी सत्यनारायण चौहान, संयुक्त निदेशक प्रशासनिक सुधार विभाग इंदिरा शर्मा , सीपीओ अंजली सैनी सहित निगरानी समिति के सभी सदस्य तथा शहर की कोचिंग संस्थानों के प्रतिनिधि उपस्थित रहें।
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