झुंझुनूंं। जिला कलक्टर रामवतार मीणा ने गुरुवार को बगड़ स्थित पीरामल स्कूल ऑफ लीडरशिप का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने शिक्षा क्षेत्र में हो रहे नवाचारों की प्रदर्शनी का अवलोकन किया और इन पहलों को भविष्य की शिक्षा के लिए बेहद महत्वपूर्ण बताया। कार्यक्रम में महिला एवं बाल विकास विभाग के उपनिदेशक विप्लव न्यौला, डाइट प्राचार्या सुमित्रा झाझाड़िया, अलसीसर के सीबीईओ राजेंद्र कुमार सिंह, विभिन्न विद्यालयों के प्रधानाचार्य, शिक्षकगण, विद्यार्थी एवं पिरामल फाउंडेशन के निदेशक घनश्याम सोनी सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
प्रदर्शनी में एसईई लर्निंग, पीबीएल परियोजना आधारित शिक्षण, समावेशी शिक्षा और मिशन बुनियाद जैसे कार्यक्रमों के ज़रिए जिले में हो रहे सकारात्मक बदलावों को साझा किया गया। कलेक्टर मीणा ने पिरामल गांधी फेलोज़ और छात्रों से संवाद करते हुए उनकी अनुभव यात्राएं सुनीं।अपने उद्बोधन में कलक्टर मीणा ने कहा, "सरकारी स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए नवाचारों और तकनीकी एकीकरण की सख्त ज़रूरत है। "उन्होंने आईसीटी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और समुदाय आधारित परियोजनाओं को और विस्तार देने की आवश्यकता पर बल दिया।
कार्यक्रम के अंत में कलक्टर ने स्कूल परिसर में पक्षियों के लिए एक परींडा स्थापित कर पर्यावरण के प्रति जागरूकता का संदेश दिया। यह प्रेरणादायक पहल सभी उपस्थितों को उत्साहित कर गई। महिला एवं बाल विकास विभाग के उपनिदेशक न्यौला ने कहा कि सामाजिक-भावनात्मक एवं नैतिक शिक्षण, बच्चों को समाज से जोड़ने का सशक्त माध्यम है। वहीं, सीबीईओ राजेंद्र कुमार सिंह ने मानसिक तनाव से जूझते छात्रों के लिए एसईई लर्निंग को बेहद कारगर बताया।
भविष्य की योजनाओं के अंतर्गत, कलेक्टर की अध्यक्षता में एक जिला स्तरीय समिति गठित करने पर भी चर्चा हुई, जो विभिन्न विभागों के बीच समन्वय स्थापित कर जिले के समग्र विकास के लिए ठोस कार्य योजना तैयार करेगी।पिरामल फाउंडेशन के निदेशक घनश्याम सोनी ने कलेक्टर के प्रति आभार व्यक्त करते हुए आशा जताई कि इस प्रकार के साझे प्रयासों से झुंझुनूं को शिक्षा नवाचार के एक राष्ट्रीय मॉडल के रूप में स्थापित किया जा सकेगा।
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