भारतीय किसान यूनियन सीकर के प्रतिनिधि मंडल ने जिला कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम दिए गए ज्ञापन में कहा गया है कि बड़े व्यापारियों के गोदामों में पड़े प्याज की कीमत आसमान को छू रही होती हैं किंतु चार महीने के कठिन परिश्रम के बाद जब किसान का प्याज बिकने आता है तो उसे लगत मूल्य भी नहीं मिल पाता । भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष रामचंद्र सूंडा ने कहा है कि प्याज उत्पादक किसान के अस्तित्व की रक्षा के लिए तत्काल प्रभाव से निम्नलिखित कदम उठाये जाने चाहिए प्याज का न्यूनतम मूल्य समर्थन मूल्य 15 रूपये प्रति किलो तुरंत निर्धारित किया जाएँ।
प्याज के निर्यात को बढ़ावा दिया जाए
सरकारी तंत्र की मौजूदगी में प्याज की खरीद कम से कम 15 रूपये प्रति किलो सुनिश्चित की जाये। किसानों को जो नुकसान हो रहा है, उस नुकसान की भरपाई हेतु, तुरंत प्रभाव से राजकोष से अंतर राशि, किसान के खाते में जारी की जाये | किसान के अस्तित्व रक्षण हेतु प्याज उत्पादक किसानों की जमाबंदी के अनुसार अथवा विक्रय पर्ची के अनुसार उन्हें 2 रूपये प्रति किलो की मुवावजा राशी फौरी राहत के तौर पर तत्काल प्रभाव से जारी की जाये |अनुदान पर प्याज के वातानुकूलित भंडार बनवाए प्याज स्टॉक को बाजार में डाल कर कीमतों को नियंत्रित करते हुए उपभोक्ता का भी संरक्षण कर सके । इस अवसर पर बीकेयू के संरक्षक चाचा पूर्णमल सूंडा, यमुना जल नहर संघर्ष समिति सीकर के अध्यक्ष भोलाराम रुलाणिया, उपाध्यक्ष चोखाराम बुरड़क पूर्व प्रधान एवं महासचिव शिवदयाल मील मौजूद रहे ।
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