आर्यिका अनन्तमती और महोत्सवमती माताजी के सानिध्य में मनाया समाधि दिवस

 


सीकर। विराजित गणिनी आर्यिका सरस्वती माताजीआर्यिका अनन्तमती माताजी और महोत्सवमती माताजी के सानिध्य में आचार्य धर्म सागर जी महाराज का समाधि दिवस मनाया राजस्थान के सीकर ने आचार्य शिरोमणि धर्म सागर महाराज का 38 वां समाधि दिवस मनायाजो बीसवीं शताब्दी के प्रथमाचार्य शांतिसागर महाराज के तीसरे पट्टाधीश थे. जैन भवन से आर्यिका ससंघ के साथ सालासर रोड़ स्थित आचार्य धर्मसागर समाधि स्थल तक श्री जी की भव्य रथयात्रा निकाली। समाधि स्थल पर सर्वप्रथम झंडारोहण का कार्यक्रम श्री जी के कलशाभिषेक और शांतिधारा दीप प्रज्वलन दोपहर को धर्मसागर विधान का किया आयोजन। विमल कुमार जैन गजेंद्र ठोलिया ने बताया कि झंडारोहणदीप प्रज्ज्वलन और श्री धर्मसागर विधान के पुण्यार्जन का सौभाग्य शिखर चंद किशोर संजय अजय संगही परिवार को प्राप्त हुआ. पूजन और आचार्य श्री धर्मसागर संगीतमय विधान प्रतिष्ठाचार्य पं आशीष जैन शास्त्री सीकर द्वारा संपन्न करवाया गया. जैन भवन के विमल कुमार झांझरी किशोर कुमार संगही मनोज छाबड़ा गजेंद्र ठोलिया अमित पिराका सुनील पहाड़िया अजय सेसम विकास लुहाड़िया  मनोज झीगर आदि समस्त कार्यकारिणी सदस्यों द्वारा पुण्याजक परिवार का स्वागत सम्मान किया गया।प्रियंक गंगवाल ने बताया कि आचार्य धर्म सागर जी महाराज का चातुर्मास 1986 में हुआ और आचार्य श्री का प्रथम चतुर्मास फुलेरा जिले में हुआ और अंतिम चातुर्मास सीकर में हुआ और देवलोक गमन (समाधि) सीकर में अप्रैल 1987 को हुआ।

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